नई दिल्ली/लेह। लद्दाख के सामाजिक कार्यकर्ता और मैग्सेसे पुरस्कार विजेता सोनम वांगचुक की रिहाई को लेकर उनकी पत्नी गीतांजलि अंगमो ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया है। अंगमो ने हेबियस कॉर्पस याचिका दाखिल कर गिरफ्तारी को अवैध ठहराते हुए कहा कि एक हफ़्ता बीत चुका है, लेकिन न तो पति की सेहत की कोई जानकारी है और न ही डिटेंशन ऑर्डर की कॉपी उपलब्ध कराई गई।
अंगमो ने बताया कि प्रशासन सोनम को NSA (राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम) के तहत हिरासत में लेकर जोधपुर ले गया है, लेकिन इसके पीछे का आधार अब तक साफ़ नहीं किया गया। उन्होंने याचिका में कहा कि सोनम शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक आंदोलन चला रहे थे, बावजूद इसके उन्हें टारगेट कर जेल भेज दिया गया।
कब और क्यों हुई गिरफ्तारी?
24 सितंबर को लेह में हुई हिंसा के बाद सोनम वांगचुक को 26 सितंबर को हिरासत में लिया गया। हिंसा में चार लोगों की मौत हुई थी। प्रशासन का आरोप है कि वांगचुक ने आंदोलन को भड़काया और उन पर पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी से संपर्क रखने व विदेशों से अवैध फंडिंग लेने के आरोप भी लगाए गए।
फिलहाल सोनम जोधपुर की जेल में बंद हैं। उनके साथ लेह की जेल में बंद 56 आंदोलनकारियों में से 26 को मामूली धाराओं में रिहा कर दिया गया है, लेकिन 30 लोग अभी भी जेल में हैं।
पत्नी का दर्द और सरकार से अपील
गीतांजलि अंगमो ने X (पूर्व ट्विटर) पर लिखा – “आज एक हफ़्ता हो गया है, मुझे न तो सोनम की सेहत की कोई जानकारी है और न ही उनकी गिरफ्तारी की वजह बताई जा रही है।”
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, गृह मंत्री अमित शाह और कई शीर्ष नेताओं को चिट्ठी लिखकर सोनम की रिहाई की मांग भी की। उनका आरोप है कि सरकार उन्हें चुप कराने के लिए “विच हंट” कर रही है।
आंदोलन की जड़ क्या है?
सोनम वांगचुक लंबे समय से लद्दाख को राज्य का दर्जा देने और संविधान की छठी अनुसूची के तहत विशेष दर्जा दिलाने की मांग कर रहे हैं। छठी अनुसूची में शामिल होने से लद्दाख को स्थानीय संसाधनों पर अधिकार और सांस्कृतिक संरक्षण की संवैधानिक गारंटी मिल सकती है। पिछले दिनों भूख हड़ताल और धरनों से शुरू हुआ आंदोलन हिंसक हो गया था, जिसके बाद प्रशासन ने सख्ती बढ़ा दी।
लेह में हालात सामान्य होने लगे
लगातार नौ दिनों तक कर्फ्यू झेलने के बाद लेह में हालात धीरे-धीरे सामान्य हो रहे हैं। प्रशासन ने ढील देते हुए दुकानों को सुबह 10 से शाम 6 बजे तक खोलने की इजाज़त दी है। स्कूल भी फिर से खुल गए हैं और पब्लिक ट्रांसपोर्ट को आंशिक रूप से बहाल कर दिया गया है।
