बलौदा बाजार जिले के पलारी विकासखंड के लक्षनपुर गांव में मिड-डे मील योजना के तहत बड़ा लापरवाही का मामला सामने आया है। सरकारी स्कूल में बच्चों को कथित रूप से कुत्ते का जूठा भोजन परोस दिया गया। घटना की जानकारी मिलते ही ग्रामीणों में आक्रोश फैल गया और प्रशासनिक अमले में हड़कंप मच गया। एहतियात के तौर पर सातवीं और आठवीं कक्षा के 78 बच्चों को एंटी-रेबीज इंजेक्शन लगाए गए हैं।
जांच में खुलासा: बच्चों और शिक्षकों के मना करने पर भी परोसा गया खाना
कलेक्टर दीपक सोनी के निर्देश पर गठित टीम ने जांच में पाया कि शिक्षकों और बच्चों के विरोध के बावजूद भोजन परोसा गया। यह काम मिड-डे मील संचालित करने वाले जय लक्ष्मी महिला स्व-सहायता समूह ने किया। प्रारंभिक जांच के बाद समूह को तुरंत मिड-डे मील संचालन से हटा दिया गया है।
जिम्मेदारों पर कार्रवाई, नोटिस जारी
घटना के बाद प्रशासन ने स्कूल के प्रधान पाठक और संकुल समन्वयक को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। फिलहाल भोजन की जिम्मेदारी संस्था प्रमुख को सौंपी गई है। कलेक्टर ने स्पष्ट किया है कि इस तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।
गांव में रोष, अभिभावकों की चिंता
घटना से पूरे गांव में नाराजगी है। अभिभावकों का कहना है कि सरकारी स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा और स्वास्थ्य को लेकर गंभीरता नहीं बरती जा रही। ग्रामीणों ने मांग की है कि मिड-डे मील की निगरानी के लिए स्थायी व्यवस्था बनाई जाए।
डॉक्टर ने बताया एंटी-रेबीज का कारण
लक्षनपुर स्वास्थ्य केंद्र की प्रभारी डॉ. वीणा वर्मा ने बताया कि बच्चों को इंजेक्शन अभिभावकों और प्रशासन की मांग पर एहतियातन लगाए गए।
विधायक ने उठाए सवाल, सीएम को लिखा पत्र
घटना के बाद स्थानीय विधायक संदीप साहू ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर मामले की उच्च स्तरीय जांच और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने यह भी सवाल किया कि बच्चों को एंटी-रेबीज इंजेक्शन किसके आदेश पर लगाए गए।
