मुंबई। सोलापुर में अवैध खनन रोकने के दौरान उपमुख्यमंत्री अजित पवार से बहस में सुर्खियों में आईं IPS अधिकारी अंजना कृष्णा अब नए विवाद में फंस गई हैं। NCP (अजित पवार गुट) के विधान परिषद सदस्य अमोल मिटकरी ने उनके शैक्षणिक और जाति प्रमाणपत्रों सहित अन्य दस्तावेजों की जांच UPSC से कराने की मांग की है।
UPSC को लिखी चिट्ठी
अमोल मिटकरी ने 5 सितंबर 2025 को UPSC के सचिव को पत्र लिखकर अंजना कृष्णा द्वारा प्रस्तुत शैक्षिक प्रमाणपत्र, जाति प्रमाणपत्र और अन्य दस्तावेजों की सत्यता की जांच कराने का अनुरोध किया। उनका कहना है कि जांच के बाद UPSC को अपनी रिपोर्ट संबंधित विभागों के साथ साझा करनी चाहिए।
“पारदर्शिता जरूरी, आचरण पर उठे सवाल”
मिटकरी ने कहा कि इस पूरी प्रक्रिया में पारदर्शिता जरूरी है, ताकि किसी भी तरह की अनियमितता का पता चल सके। यह विवाद उस समय गहराया जब उपमुख्यमंत्री अजित पवार से जुड़े एक वायरल वीडियो में अधिकारी के आचरण को लेकर सवाल उठे।
क्या है विवाद?
- मामला सोलापुर जिले के कुड़ोवाडी गांव का है।
- सड़क निर्माण के दौरान अवैध उत्खनन की सूचना पर DSP अंजना कृष्णा ने छापा मारा।
- इस दौरान कथित तौर पर अजित पवार ने अधिकारी को फ़ोन किया, जिसकी चर्चा राजनीतिक और प्रशासनिक हलकों में होने लगी।
- सूत्रों के अनुसार, NCP कार्यकर्ता बाबा जगताप ने पवार से संपर्क किया और महिला अधिकारी से बात करने का आग्रह किया।
यह घटना अवैध खनन, राजनीतिक हस्तक्षेप और प्रशासनिक निष्पक्षता को लेकर बहस का विषय बन गई है।
कौन हैं IPS अंजना कृष्णा?
- 2023 बैच की IPS अधिकारी।
- वर्तमान में सोलापुर के करमाला में DSP पद पर तैनात।
- UPSC 2023 में ऑल इंडिया रैंक 355 हासिल की।
- मूल रूप से केरल के तिरुवनंतपुरम की रहने वाली।
- पिता बीजू कृष्णा कपड़े के व्यापारी और मां सीना कोर्ट में टाइपिस्ट हैं।
- प्रारंभिक शिक्षा पूजापुरा के सेंट मैरी सेंट्रल स्कूल से ली और स्नातक (B.Sc गणित) NSS महिला कॉलेज, नीरमंकारा से किया।
