रायपुर. छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में शुक्रवार, 19 सितम्बर 2025 को सर्व समाज समन्वय महासभा छत्तीसगढ़ का प्रांतीय महासम्मेलन भव्य रूप से सम्पन्न हुआ। यह आयोजन टिकरापारा स्थित विमलतारा सेमिनार हॉल, मधुश्री टॉवर, शंकर नगर चौक में दोपहर 2 बजे से शाम 6 बजे तक हुआ।
महासम्मेलन का मुख्य उद्देश्य था – समाज से छुआछूत और जातिवाद जैसी सामाजिक बुराइयों को समाप्त कर “छुआछूत एवं जातिवाद की दुर्गंधना से मुक्त छत्तीसगढ़” का निर्माण करना।
मुख्य अतिथि एवं विशेष अतिथि
सम्मेलन में बड़ी संख्या में समाज के पदाधिकारी, सभी समाजों के अध्यक्ष एवं सदस्य शामिल हुए। इस अवसर पर प्रमुख अतिथि एवं विशिष्ट अतिथियों ने मार्गदर्शन दिया –
- मुख्य अतिथि एवं वक्ता: माननीय श्री रामदत्त जी (अखिल भारतीय वरिष्ठ सरकार्यवाह, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ)
- विशिष्ट अतिथि:
- श्री रामज्ञानी दास महराज (अखिल भारतीय श्रीरामानंद सम्प्रदाय महासभा, श्रीविद्याधाम, चित्रकूट)
- गुरु मां साध्वी रेणुका जी (राष्ट्रीय शक्ति आश्रम न्यास, गंगोत्रीधाम हिमालय)
- माननीय श्री विश्वनाथ बोगी जी (प्रांत सामाजिक समरसता प्रमुख, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ)
सम्मेलन की प्रमुख बातें
सम्मेलन में यह संदेश दिया गया कि समाज की सबसे बड़ी आवश्यकता आज एकता, सद्भाव और समानता की भावना को मजबूत करना है। सभी समाजों से यह आह्वान किया गया कि वे संस्कृति की रक्षा और राष्ट्र निर्माण के महान कार्य में सहभागी बनें।
सम्मेलन से पहले जिलों में आयोजित बैठकों से प्राप्त सुझावों के आधार पर एक महत्वपूर्ण प्रस्ताव पारित किया गया। इसे राज्य सरकार को सौंपा जाएगा ताकि छत्तीसगढ़ में सामाजिक कुरीतियों के उन्मूलन के लिए ठोस कदम उठाए जा सकें।
संगठन के प्रमुख पदाधिकारी
- प्रांत अध्यक्ष: प्रोफेसर डॉ. संजीव “वशिष्ठ”
- प्रांतीय महासचिव: श्रीमती तारा ऋषि चंद्राकर
- प्रांतीय निदेशक भिलाई-दुर्ग: श्री सांवला राम डाहरे (पूर्व विधायक अहिवारा)
निष्कर्ष
महासम्मेलन में पारित प्रस्तावों के जरिए यह संकल्प लिया गया कि छत्तीसगढ़ को जातिवाद और छुआछूत से मुक्त बनाने में हर समाज अपनी सक्रिय भूमिका निभाएगा।
