रायपुर। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो (NCRB) की रिपोर्ट 2023 में खुलासा हुआ है कि छत्तीसगढ़ ऑनलाइन जुआ-सट्टा मामलों में देश में पहले स्थान पर है। प्रदेश में कुल 52 मामले दर्ज किए गए हैं। आंकड़े सामने आते ही राजनीतिक बवाल शुरू हो गया।
भाजपा का आरोप: पिछली सरकार ने फैलाई जड़ें
भाजपा नेता और प्रदेश प्रवक्ता केदार गुप्ता ने एनसीआरबी के आंकड़ों के आधार पर कांग्रेस पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि ऑनलाइन जुआ-सट्टा की जड़ें भूपेश सरकार के समय राज्य में गहराई तक फैली थीं। भाजपा सरकार आने के बाद इन अवैध गतिविधियों को रोकने के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने आश्वस्त किया कि जल्द ही सट्टेबाजी का ग्राफ नीचे जाएगा।
कांग्रेस का पलटवार: जिम्मेदारी केंद्र सरकार की
कांग्रेस नेता और प्रदेश प्रवक्ता विनोद तिवारी ने भाजपा के बयान का जवाब देते हुए कहा कि अधिकांश ऑनलाइन सट्टा एप्स केंद्र सरकार के अधीन हैं। उन्होंने बताया कि भूपेश सरकार के समय राज्य में 600-700 लोगों पर कार्रवाई हुई थी, लेकिन फिर भी यह कारोबार खुलेआम चलता रहा।
तिवारी ने कहा कि ऑनलाइन सट्टा पूरी तरह से बंद करने की जिम्मेदारी केंद्र सरकार की है और इसके लिए प्रधानमंत्री को भी पत्र लिखा गया था।
NCRB रिपोर्ट पर राजनीति
राजनीतिक बयानबाजी के बीच NCRB की रिपोर्ट ने राज्य में ऑनलाइन सट्टा पर बहस को और तेज़ कर दिया है। एक तरफ भाजपा इसे पिछली सरकार की नाकामी बता रही है, तो वहीं कांग्रेस केंद्र सरकार पर कार्रवाई ना करने का आरोप लगा रही है।
ऑनलाइन सट्टा और कानून
विशेषज्ञों का कहना है कि डिजिटल प्लेटफॉर्म पर सट्टेबाजी पर नियंत्रण चुनौतीपूर्ण है। NCRB के आंकड़े बताते हैं कि कम से कम 52 मामले अभी तक दर्ज हैं, लेकिन वास्तविक संख्या इससे कई गुना अधिक हो सकती है।
