रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में मंगलवार को मंत्रालय महानदी भवन में हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में राज्य के घरेलू उपभोक्ताओं के लिए कई अहम फैसले लिए गए। बिजली बिल में राहत से लेकर उद्योग, शिक्षा और रोजगार से जुड़े महत्वपूर्ण प्रस्तावों को मंजूरी दी गई।
बिजली बिल में दोगुना लाभ – अब 200 यूनिट तक मिलेगी 50% छूट
कैबिनेट ने मुख्यमंत्री ऊर्जा राहत जन अभियान (M-URJA) के तहत घरेलू उपभोक्ताओं के लिए राहत बढ़ाते हुए 100 यूनिट की जगह अब 200 यूनिट प्रति माह तक 50% बिजली बिल छूट देने की घोषणा की है। यह व्यवस्था 1 दिसंबर 2025 से लागू होगी।
400 यूनिट तक खपत वाले उपभोक्ताओं को भी फायदा
✔ 200 से 400 यूनिट खपत करने वालों को भी अगले एक वर्ष तक 200 यूनिट तक 50% छूट मिलेगी।
✔ इस श्रेणी में लगभग 6 लाख उपभोक्ता आते हैं।
✔ यह राहत अवधि इसलिए रखी गई है ताकि उपभोक्ता इस दौरान पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना के तहत अपने घरों में सोलर प्लांट लगवा सकें।
सरकार का अनुमान है कि इस अभियान से प्रदेश के 42 लाख उपभोक्ता लाभान्वित होंगे।
सोलर प्लांट पर राज्य सरकार की अतिरिक्त सब्सिडी जारी
पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार द्वारा सब्सिडी जारी रहेगी—
- 1 किलोवॉट सोलर प्लांट पर ₹15,000 अतिरिक्त सब्सिडी
- 2 किलोवॉट या उससे अधिक क्षमता पर ₹30,000 अतिरिक्त सब्सिडी
यह पहल प्रदेश में सौर ऊर्जा को बढ़ावा देगी और उपभोक्ताओं को “हाफ बिजली” से आगे बढ़कर आने वाले समय में “फ्री बिजली” की ओर ले जाने का मार्ग प्रशस्त करेगी।
भंडार क्रय नियमों में संशोधन
कैबिनेट ने छत्तीसगढ़ भंडार क्रय नियम, 2002 में संशोधन को मंजूरी दी है। इसका उद्देश्य—
- स्थानीय लघु एवं सूक्ष्म उद्योगों को प्रोत्साहन
- जेम पोर्टल के माध्यम से क्रय प्रक्रिया में स्पष्टता
- पारदर्शिता और प्रतिस्पर्धा में वृद्धि
- समय और संसाधनों की बचत
दो महत्वपूर्ण विधेयकों के प्रारूप को मंजूरी
1. छत्तीसगढ़ निजी विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक, 2025
राज्य में निजी विश्वविद्यालयों की स्थापना एवं संचालन से जुड़ी व्यवस्थाओं को अद्यतन करने के लिए प्रस्तावित विधेयक के प्रारूप को हरी झंडी दी गई।
2. छत्तीसगढ़ दुकान एवं स्थापना संशोधन विधेयक, 2025
इस संशोधन का लक्ष्य—
- Ease of Doing Business सुधारों को आगे बढ़ाना
- रोजगार के अवसर बढ़ाना
- दुकान एवं स्थापना अधिनियम में नियोजन व सेवा शर्तों को आधुनिक स्वरूप देना
