रायपुर। दुर्ग रेलवे स्टेशन पर तीन आदिवासी महिलाओं से मारपीट और छेड़छाड़ के मामले ने तूल पकड़ लिया है। पीड़ित महिलाओं का आरोप है कि बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने उनके साथ गाली-गलौच, मारपीट और अश्लील हरकतें कीं, लेकिन शिकायत के बावजूद पुलिस ने अब तक FIR दर्ज नहीं की।
राज्य महिला आयोग ने इस पर कड़ा रुख अपनाते हुए पुलिस महानिदेशक (DGP) को आदेश दिया है कि 15 दिनों के भीतर तीनों महिलाओं की अलग-अलग FIR दर्ज कर रिपोर्ट आयोग को सौंपी जाए। साथ ही आयोग ने दुर्ग SP और DRM के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की अनुशंसा की है।
📋 आयोग की सख्त टिप्पणी
राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक ने बुधवार को रायपुर स्थित कार्यालय में हुई जनसुनवाई के दौरान यह मामला उठाया। आयोग ने पाया कि —
- पुलिस और रेलवे प्रशासन ने मामले में लापरवाही बरती,
- आरोपियों को आयोग के समक्ष प्रस्तुत नहीं किया गया,
- और CCTV फुटेज भी अधूरी दी गई।
आयोग ने कहा कि यह प्रतीत होता है कि साक्ष्य छिपाने की कोशिश की गई है। यदि निर्धारित समय में FIR दर्ज नहीं होती है, तो मामला राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को भेजा जाएगा और पीड़ितों को मुआवजा दिलाने की सिफारिश की जाएगी।
👩🦳 अन्य मामलों की सुनवाई भी हुई
आयोग की जनसुनवाई में कई अन्य मामलों पर भी निर्णय लिए गए —
🧓 भरण-पोषण में राहत
एक 67 वर्षीय वृद्धा ने शिकायत की कि पति ने दो साल से उसे बेटी के घर छोड़ दिया है। आयोग की मध्यस्थता के बाद पति ने हर माह ₹15,000 भरण-पोषण राशि देने पर सहमति जताई, जो हर महीने की 10 तारीख तक खाते में जमा की जाएगी।
⚖️ घरेलू विवाद में सुलह
एक अन्य महिला ने बताया कि उसका पति फोन पर गाली-गलौच करता है। आयोग की समझाइश पर पति ने माफी मांगी और आगे से किसी भी प्रकार का दुर्व्यवहार न करने का वादा किया।
💍 बिना तलाक दूसरी शादी
एक मामले में पति द्वारा बिना तलाक लिए दूसरी शादी करने की शिकायत आई। आयोग ने पाया कि दोनों पक्षों के बीच मामला न्यायालय में लंबित है, इसलिए फिलहाल इसे नस्तीबद्ध कर दिया गया।
