दंतेवाड़ा। बस्तर संभाग से नक्सल मोर्चे पर सुरक्षा बलों को बड़ी सफलता मिली है। दंतेवाड़ा जिले में एक साथ 71 नक्सलियों ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। मुख्यधारा में लौटे इन नक्सलियों का पुलिस अधिकारियों ने स्वागत किया और पुनर्वास योजनाओं का लाभ दिलाने का आश्वासन दिया।
नक्सल संगठन को जोरदार झटका
प्रदेश में नक्सल मोर्चे पर लगातार दबाव बढ़ रहा है। बड़े नेताओं के एनकाउंटर में ढेर होने और लगातार चल रहे अभियानों ने नक्सली संगठन की कमर तोड़ दी है। अब बड़ी संख्या में नक्सली हिंसा का रास्ता छोड़कर समाज की मुख्यधारा से जुड़ रहे हैं। दंतेवाड़ा का यह सरेंडर भी इसी सिलसिले की अहम कड़ी माना जा रहा है।
30 नक्सली थे इनामी
सरेंडर करने वाले 71 नक्सलियों में से 30 पर कुल 64 लाख रुपये का इनाम घोषित था। ये सभी लंबे समय से बस्तर के अलग-अलग इलाकों में सक्रिय थे। पुलिस ने इसे अब तक की बड़ी कामयाबी बताया है। सरेंडर नक्सलियों ने भी स्वीकार किया कि वे संगठन की झूठी विचारधारा और हिंसा से ऊब चुके थे।
2026 तक खत्म करने का लक्ष्य
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने मार्च 2026 तक नक्सलवाद पूरी तरह खत्म करने का लक्ष्य तय किया है। इसी दिशा में सुरक्षा बलों ने अभियान तेज कर दिया है। पिछले कुछ महीनों में जहां कई बड़े माओवादी मुठभेड़ों में ढेर हुए हैं, वहीं अब बड़ी संख्या में कैडर भी आत्मसमर्पण करने लगे हैं।
बस्तर में बदले हालात
विशेषज्ञ मान रहे हैं कि बार-बार हो रहे सरेंडर और एनकाउंटर से नक्सलियों का नेटवर्क तेजी से कमजोर पड़ रहा है। दंतेवाड़ा का यह सामूहिक आत्मसमर्पण नक्सल उन्मूलन के अभियान में बड़ी उपलब्धि साबित हो सकता है।
