डौंडी। बीजापुर के डिप्टी कलेक्टर दिलीप उइके को डौंडी थाना क्षेत्र के चर्चित दुष्कर्म और आर्थिक शोषण मामले में जिला अदालत से राहत नहीं मिली। अदालत ने मामले की गंभीरता को देखते हुए उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी।
पीड़िता ने अदालत में रखा दर्द
मामले की पीड़िता, जो कि सीएएफ की महिला आरक्षक है, ने न्यायाधीश के सामने खड़े होकर अपने साथ हुए अत्याचारों का ब्योरा दिया। उसने आरोप लगाया कि दिलीप उइके ने शादी का झांसा देकर लंबे समय तक शारीरिक शोषण किया, तीन बार जबरन गर्भपात कराया और आर्थिक शोषण भी किया। अपने आरोपों को साबित करने के लिए उसने बैंक स्टेटमेंट पेश किया, जिसे अदालत ने अहम साक्ष्य माना।
अदालत ने किया सख्त रुख
सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष के वकील ने आरोपों को ब्लैकमेलिंग बताते हुए जमानत की मांग की, लेकिन अदालत ने इस तर्क को खारिज कर दिया। न्यायालय ने कहा कि पीड़िता की गवाही और दस्तावेजी साक्ष्य आरोपों की गंभीरता को पुष्ट करते हैं।
आरोपी अब भी फरार
थाना प्रभारी उमा ठाकुर ने बताया कि आरोपी के खिलाफ बीएनएस की धारा 69 के तहत अपराध दर्ज है। फिलहाल वह फरार है। उसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस की विशेष टीम लगातार दबिश दे रही है और दावा किया गया है कि वह जल्द ही कानून की गिरफ्त में होगा।
