जगदलपुर। नक्सल मोर्चे पर हिडमा के मारे जाने के बाद हालात तेजी से बदलते दिखाई दे रहे हैं। लंबे समय से सक्रिय माओवादी ढांचे में इस ऑपरेशन के बाद बड़ी टूटन देखने को मिल रही है। इसी उथल-पुथल के बीच पहली बार MMC जोन ने सरकारों से शांति की पहल करते हुए हथियार छोड़ने की मंशा जताई है और युद्धविराम के लिए समय मांगा है।
हिडमा के खात्मे के बाद गुटों में मचा असंतोष
केंद्र सरकार की नक्सल उन्मूलन रणनीति को हिडमा के ढेर होने के रूप में महत्वपूर्ण सफलता मिली है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पहले ही 31 मार्च 2026 तक नक्सलवाद पूरी तरह समाप्त करने का लक्ष्य घोषित कर चुके हैं। हाल ही की मुठभेड़ में हिडमा, उसकी पत्नी राजे समेत संगठन के कुल 6 नक्सली मारे गए। इस कार्रवाई ने माओवादी नेटवर्क को भीतर तक हिला दिया है।

MMC जोन का अभूतपूर्व कदम—तीन राज्यों के मुख्यमंत्रियों को पत्र
इसी बदलते माहौल के बीच महाराष्ट्र-मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ़ स्पेशल जोनल कमेटी (MMC जोन) ने पहली बार आधिकारिक तौर पर शांति प्रक्रिया में कदम बढ़ाया है। संगठन के प्रवक्ता अनंत की ओर से तीनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों के नाम एक पत्र जारी किया गया है, जिसमें 15 फरवरी 2026 तक युद्धविराम की अवधि देने का अनुरोध किया गया है।
पत्र में यह भी कहा गया है कि इस बार PLGA सप्ताह नहीं मनाया जाएगा, और फोर्स से अपील की गई है कि इस अवधि में ऑपरेशन रोककर बातचीत का अवसर दिया जाए। यह कदम माओवादी आंदोलन में बड़े बदलाव का संकेत माना जा रहा है।
