बीजापुर। छत्तीसगढ़ में नक्सल मोर्चे पर सुरक्षा बलों को एक और बड़ी उपलब्धि मिली है। “पूना मारगेम : पुनर्वास से पुनर्जीवन” अभियान से प्रभावित होकर 41 माओवादी कैडरों ने आत्मसमर्पण कर दिया। surrendered कैडरों में 12 महिलाएँ और 29 पुरुष शामिल हैं। इन सभी पर मिलाकर 1 करोड़ 19 लाख रुपये का इनाम घोषित था।
समर्पण करने वालों में साउथ सब जोनल ब्यूरो के 39 सदस्य, साथ ही DKSZC, तेलंगाना स्टेट कमेटी और धमतरी–गरियाबंद–नुआपाड़ा डिवीजन के नक्सली शामिल हैं।
किस स्तर के माओवादियों ने हथियार छोड़े
कुल 41 कैडरों में विभिन्न रैंकों और भूमिकाओं वाले सदस्य शामिल हैं—
- PLGA बटालियन-01 एवं अन्य कंपनियों के सदस्य – 5
- ACM, प्लाटून व एरिया कमेटी सदस्य – 11
- PLGA सदस्य – 2
- मिलिशिया प्लाटून कमांडर – 4
- मिलिशिया डिप्टी कमांडर – 1
- मिलिशिया सदस्य – 6
- जनताना सरकार, DAKMS, KAMS के पदाधिकारी/सदस्य – 9
साल 2025 में माओवादियों की बड़ी संख्या में वापसी
राज्य में लगातार अभियान और आत्मसमर्पण नीति का असर साफ दिखाई दे रहा है।
1 जनवरी 2025 से अब तक:
- 528 माओवादी गिरफ्तार
- 560 मुख्यधारा में लौटे
- 144 नक्सली मुठभेड़ों में मारे गए
1 जनवरी 2024 से अब तक:
- 790 आत्मसमर्पण
- 1031 गिरफ्तारी
- 202 मुठभेड़ों में ढेर
ये आंकड़े बताते हैं कि पिछले दो वर्षों में नक्सल उन्मूलन अभियान ने अभूतपूर्व गति पकड़ी है।
किसके समक्ष हुआ आत्मसमर्पण
समर्पण बीजापुर में आयोजित कार्यक्रम में किया गया। इसके पीछे बस्तर रेंज व केरिपु रेंज के वरिष्ठ अधिकारियों का समन्वित संचालन और सुरक्षा बलों की लगातार दबाव-युक्त कार्रवाई अहम रही।
कार्यक्रम में उपस्थित प्रमुख अधिकारी—
- उप महानिरीक्षक, केरिपु सेक्टर बीजापुर – बी.एस. नेगी
- पुलिस अधीक्षक बीजापुर – डॉ. जितेंद्र कुमार यादव
- अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ऑप्स – रविंद्र मीणा, अमन कुमार झा
- अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक बीजापुर – युलैण्डन यार्क
- द्वितीय कमान अधिकारी – राजेश चौहान
- डीसी – अशोक कुमार
- उप पुलिस अधीक्षक ऑप्स – सुदीप सरकार
- उप पुलिस अधीक्षक, बस्तर फाइटर्स – चन्द्रहास
- उप पुलिस अधीक्षक – रोशन आहूजा
इन अधिकारियों की मौजूदगी में सभी 41 कैडरों ने मुख्यधारा में लौटने का संकल्प लिया।
