रायपुर। छत्तीसगढ़ शराब घोटाले की जांच में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने एक और बड़ी कार्रवाई की है। ईडी ने धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल की 61.20 करोड़ रुपये की संपत्ति अस्थायी रूप से कुर्क की है। अब तक इस घोटाले में कुल 276.20 करोड़ रुपये की संपत्ति अटैच की जा चुकी है।
ईडी की ताजा कार्रवाई
रायपुर क्षेत्रीय कार्यालय की टीम ने 10 नवंबर को यह कुर्की की कार्रवाई की। ईडी के अनुसार, कुर्क की गई संपत्तियों में 59.96 करोड़ की 364 आवासीय और कृषि भूमि शामिल है, जबकि 1.24 करोड़ रुपये बैंक बैलेंस और फिक्स डिपॉजिट के रूप में हैं।
ईडी की जांच में बड़े खुलासे
ईडी ने बताया कि छत्तीसगढ़ में हुए शराब घोटाले की जांच एसीबी/ईओडब्ल्यू रायपुर की एफआईआर के आधार पर शुरू की गई थी। जांच में यह खुलासा हुआ कि इस घोटाले से राज्य के खजाने को 2500 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ और इस रकम का एक बड़ा हिस्सा कथित रूप से अधिकारियों और नेताओं तक पहुंचा।
जांच एजेंसी के अनुसार, चैतन्य बघेल शराब सिंडिकेट के शीर्ष स्तर पर सक्रिय थे, और अवैध रूप से जुटाए गए धन का लेखा-जोखा संभालने का काम उन्हीं के पास था। ईडी का दावा है कि चैतन्य ने इस धन को अपने रियल एस्टेट कारोबार में निवेश कर वैध संपत्ति के रूप में दिखाया।
‘विट्ठल ग्रीन’ प्रोजेक्ट में लगाया घोटाले का पैसा
एजेंसी का कहना है कि चैतन्य बघेल ने शराब घोटाले से मिली अवैध कमाई को अपनी कंपनी मेसर्स बघेल डेवलपर्स के तहत विकसित की जा रही परियोजना “विट्ठल ग्रीन” में लगाया।
कई बड़े नाम पहले ही गिरफ्तार
ईडी ने इस मामले में पहले भी कई हाई-प्रोफाइल गिरफ्तारियां की हैं। इनमें पूर्व आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा, अरविंद सिंह, त्रिलोक सिंह ढिल्लों, अनवर ढेबर, आईटीएस अधिकारी अरुण पति त्रिपाठी, और तत्कालीन आबकारी मंत्री कवासी लखमा शामिल हैं।
चैतन्य बघेल को ईडी ने 18 जुलाई को गिरफ्तार किया था, और वे फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं।
