रायपुर में चांदी कारोबारी की फर्जी लूटकांड कहानी का पर्दाफाश, पुलिस ने 24 घंटे में सच्चाई उजागर की
रायपुर। मोबाइल और सीसीटीवी के जमाने में झूठ ज्यादा देर टिक नहीं पाता — यह साबित कर दिया राजधानी रायपुर पुलिस ने। 1.29 करोड़ की चांदी लूट की कहानी गढ़ने वाले सर्राफा कारोबारी राहुल गोयल का झूठ 24 घंटे के भीतर खुल गया। असल में कारोबारी ने यह पूरा ड्रामा जुए-सट्टे में हारी रकम की भरपाई के लिए रचा था।
💰 सट्टे में हारी रकम से बचने के लिए रचा लूट का नाटक
पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि आरोपी राहुल गोयल जुए और ऑनलाइन सट्टेबाजी में भारी रकम हार चुका था। वह आगरा से चांदी के जेवर लेकर रायपुर लाता था और यहां ब्रोकर के तौर पर कारोबारियों को बेचता था। चांदी भेजने वाली कंपनी उस पर भरोसा कर उधारी पर माल भेजती थी।
सट्टे में नुकसान होने के बाद राहुल ने सोचा कि अगर फर्जी लूट का मामला दर्ज करवा देगा, तो न तो कंपनी को पैसा लौटाना पड़ेगा और न ही नुकसान की भरपाई करनी होगी। लेकिन पुलिस की बारीक जांच में उसका झूठ सामने आ गया।
🕵️♂️ ऐसे गढ़ी गई झूठी कहानी
अलीगढ़ (यूपी) का रहने वाला राहुल गोयल रायपुर में ‘शिवा ट्रेडर्स’ नाम से कारोबार करता है। उसने बताया था कि दिवाली के लिए वह 200 किलो चांदी रायपुर लाया था, जिसमें से 100 किलो वापस भेज दी, 14 किलो बिक चुकी थी और 86 किलो शेष थी।
राहुल ने पुलिस को बताया था कि रात 3 बजे दो नकाबपोशों ने दरवाजा खटखटाया, अंदर घुसकर उसे पिस्टल और चाकू से धमकाया, बेहोश कर हाथ-पैर बांध दिए और चांदी लूटकर सीसीटीवी का डीवीआर लेकर फरार हो गए।
लेकिन पुलिस ने मौके की जांच में पाया कि किसी के आने-जाने के कोई निशान नहीं, न बालकनी में रस्सी के निशान, न जबरदस्ती का सबूत। इसके बाद कारोबारी ने पूरा सच कबूल लिया।
👮 पुलिस ने खोला फर्जीवाड़े का राज
जांच टीम ने कारोबारी के मोबाइल डेटा, कॉल रिकॉर्ड और बैंक ट्रांजेक्शन खंगाले तो खुलासा हुआ कि वह लगातार ऑनलाइन सट्टे से जुड़ी वेबसाइट्स पर सक्रिय था। इसके बाद राहुल ने अपना अपराध स्वीकार कर लिया।
पुलिस अब इस बात की भी जांच कर रही है कि उसके सट्टे के नेटवर्क से कौन-कौन जुड़ा था और उसने चांदी कहां रखी या बेची।
