बीजापुर। विजयादशमी के अवसर पर छत्तीसगढ़ में इस बार न केवल बुराई पर अच्छाई की जीत हुई, बल्कि हिंसा छोड़ विकास और शांति की राह चुनने की मिसाल भी देखने को मिली। बीजापुर जिले में 103 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर सरकार की पुनर्वास नीति पर भरोसा जताया।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इसे प्रदेश के लिए बड़ा पड़ाव बताते हुए कहा कि नक्सलियों का मुख्यधारा में लौटना आने वाले शांतिपूर्ण और समृद्ध भविष्य का संकेत है। उन्होंने आत्मसमर्पित हर नक्सली को नई शुरुआत के लिए ₹50 हजार की प्रोत्साहन राशि देने की घोषणा की।
अब तक 1890 से अधिक ने छोड़ा नक्सल मार्ग
सीएम ने कहा कि सरकार की नक्सल उन्मूलन नीति से लोगों का विश्वास बढ़ा है। अब तक 1890 से ज्यादा नक्सली हथियार डाल चुके हैं। यह साफ़ संकेत है कि विकास और संवाद की राह, हिंसा से अधिक टिकाऊ है।
अमित शाह की यात्रा से पहले मिली बड़ी सफलता
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह 4 अक्टूबर को बस्तर आने वाले हैं। उससे पहले 103 नक्सलियों का सरेंडर सुरक्षा एजेंसियों और सरकार के लिए बड़ी कामयाबी माना जा रहा है। छत्तीसगढ़ के इतिहास में यह पहली बार है, जब एक साथ इतनी बड़ी संख्या में नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया हो।
आत्मसमर्पण करने वालों में बड़े पदाधिकारी भी शामिल
बीजापुर SP डॉ. जितेंद्र कुमार यादव ने जानकारी दी कि सरेंडर करने वालों में कई उच्चस्तरीय पदाधिकारी भी हैं –
- DVCM – 1
- PPCM – 4
- ACM – 4
- एरिया कमेटी सदस्य – 5
- मिलिशिया कमांडर/डिप्टी कमांडर – 5
- CNM सदस्य – 12
- जनताना सरकार सदस्य – 22
- मिलिशिया प्लाटून सदस्य – 23
(अन्य संगठनात्मक पदाधिकारी भी बड़ी संख्या में शामिल)
49 नक्सलियों पर ₹1 करोड़ से ज्यादा का इनाम
सरेंडर करने वाले 49 नक्सलियों पर कुल ₹1 करोड़ 6 लाख का इनाम घोषित था। अधिकारियों ने कहा कि यह केवल आत्मसमर्पण नहीं, बल्कि उस विचारधारा की हार है, जो दशकों से भय और हिंसा पर टिकी रही। सरकार अब इन्हें पुनर्वास योजनाओं के तहत सम्मानजनक जीवन जीने का अवसर देगी।
