रायपुर। नवरात्र से पहले ही गरबा को लेकर राजनीति गरमा गई है। वक्फ बोर्ड अध्यक्ष डॉ. सलीम राज ने मुस्लिम समाज से गरबा से दूर रहने की अपील की तो प्रदेश की सियासत में नई खींचतान शुरू हो गई। कांग्रेस ने इसे भाजपा की साजिश करार दिया, वहीं भाजपा विधायक ने गरबा को आस्था और परंपरा का पर्व बताते हुए परिवार सहित शामिल होने की अपील की।
कांग्रेस का आरोप – “वक्फ बोर्ड BJP का टूलकिट”
कांग्रेस प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने वक्फ बोर्ड की अपील को “सस्ती लोकप्रियता का हथकंडा” बताते हुए कहा, “गरबा हिंदुओं की आस्था का पर्व है। न कभी हमने किसी हिंदू को मस्जिद में नमाज पढ़ते देखा है और न ही किसी मुसलमान को गरबा करते देखा। वक्फ बोर्ड भाजपा के टूलकिट की तरह काम कर रहा है।”
भाजपा विधायक का जवाब – “गरबा में सभी आएं, देवी मां की आस्था से जुड़ें”
वहीं भाजपा विधायक पुरंदर मिश्रा ने पलटवार करते हुए कहा कि डॉ. सलीम राज बड़े नेता हैं और कोई भी बयान यूं ही नहीं देते। उन्होंने कहा, “गरबा का चलन पिछले एक दशक से और भी मजबूत हुआ है। भारत विविधता वाला देश है। हर समाज को सम्मान देना चाहिए। लोग परिवार सहित गरबा में आएं, लेकिन मां दुर्गा की आस्था के साथ शामिल हों।”
रायपुर नगर निगम का पेंच भी जुड़ा
मामला केवल गरबा तक सीमित नहीं रहा। रायपुर नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष को लेकर भी कांग्रेस-भाजपा आमने-सामने आ गई। कांग्रेस प्रवक्ता शुक्ला ने निगम सभापति पर अधिकार से बाहर जाकर फैसला लेने का आरोप लगाया। वहीं मिश्रा ने चुटकी लेते हुए कहा, “कांग्रेस में बगावत आम बात है। आकाश तिवारी को नेता प्रतिपक्ष बना दिया गया क्योंकि बड़े नेताओं में झगड़ा है। यही वजह है कि जनता ने कांग्रेस को सत्ता से बाहर कर दिया।”
“कांग्रेस परिवारवाद में उलझी” – भाजपा विधायक
कांग्रेस में जिला अध्यक्ष चयन के लिए पर्यवेक्षकों की नियुक्ति पर भी पुरंदर मिश्रा ने तंज कसते हुए कहा, “कांग्रेस में प्रदेश अध्यक्ष की कोई हैसियत नहीं। सब फैसले राहुल गांधी करते हैं। यही पार्टी की असली हालत है।”
