सुकमा। छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। छिंदगढ़ ब्लॉक के पाकेला पोटाकेबिन में 426 मासूम बच्चों की जिंदगी खतरे में पड़ गई, जब उनके भोजन में कथित तौर पर फिनाइल की गोली मिलाई गई। गनीमत रही कि अधीक्षक ने भोजन में उठ रही बदबू और असामान्य स्वाद को समय रहते पहचान लिया और तुरंत खाना बाहर फेंकवा दिया।
अगर यह खाना बच्चों तक पहुंच जाता, तो एक बड़ा हादसा हो सकता था।
शिक्षक पर गहराया शक – बदले की भावना में दिया ज़हर
प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार, शुरुआती जांच में इस पूरे कांड के पीछे एक शिक्षक का नाम सामने आया है। बताया जा रहा है कि आरोपी शिक्षक ने व्यक्तिगत रंजिश और बदले की भावना से यह खतरनाक कदम उठाया। संदेह की पुष्टि के बाद उसके खिलाफ तत्काल कार्रवाई शुरू कर दी गई है।
कलेक्टर ने बनाई जांच समिति
घटना की गंभीरता को देखते हुए कलेक्टर देवेश कुमार ध्रुव ने तुरंत तीन सदस्यीय जांच समिति गठित की है। इसमें एसडीएम सूरज कश्यप, डीएमसी उमाशंकर तिवारी और एपीसी आशीष राम को शामिल किया गया है। समिति ने मौके पर पहुंचकर गवाहों और संबंधित स्टाफ के बयान दर्ज किए हैं।
कलेक्टर ने कहा –
“दो दिनों के भीतर जांच रिपोर्ट आ जाएगी। दोषियों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। बच्चों की सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।”
बदबू ने बचाई सैकड़ों मासूमों की जिंदगी
इस घटना की सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि भोजन की बदबू और गड़बड़ी ने समय रहते 426 मासूम बच्चों की जान बचा ली। अगर अधीक्षक सजग न होते, तो सैकड़ों बच्चे गंभीर रूप से बीमार पड़ सकते थे।
