निजी वाहनों के लिए नया नियम, 200 ट्रिप तक मान्य; कार–जीप–वैन मालिकों को होगी 7,000 तक की बचत
नई दिल्ली। स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर केंद्र सरकार ने निजी वाहनों के लिए FASTag आधारित वार्षिक टोल पास (FASTag Annual Pass) लॉन्च कर दिया है। इसकी कीमत ₹3,000 तय की गई है। यह पास एक्टिवेशन की तारीख से एक वर्ष या 200 टोल ट्रिप (जो पहले पूरे हों) तक मान्य रहेगा। सरकार का दावा है कि इस नई सुविधा से राष्ट्रीय राजमार्गों पर सफर करने वाले लाखों वाहन मालिकों को राहत मिलेगी।
कैसे करेगा काम?
फास्टैग एनुअल पास का सिस्टम यात्रा की संख्या पर आधारित होगा।
- पॉइंट-बेस्ड टोल प्लाजा: एकतरफा क्रॉसिंग = 1 ट्रिप, वापसी = 2 ट्रिप।
- क्लोज़्ड/टिकट सिस्टम: प्रवेश से निकास तक की पूरी यात्रा = 1 ट्रिप।
- जैसे ही 200 ट्रिप या 1 साल पूरे होंगे, पास अपने आप स्टैंडर्ड पे-पर-ट्रिप मोड में बदल जाएगा।
कौन ले सकता है पास?
- केवल निजी (गैर-व्यावसायिक) वाहन – कार, जीप और वैन।
- वाहन पर एक्टिव FASTag होना अनिवार्य है।
- ब्लैकलिस्टेड FASTag या केवल चेसिस नंबर पर आधारित नए FASTag पर यह सुविधा उपलब्ध नहीं होगी। इन्हें पहले पूरा रजिस्ट्रेशन नंबर अपडेट करना होगा।
कहां मान्य होगा?
- यह पास केवल राष्ट्रीय राजमार्गों और एक्सप्रेसवे पर मान्य है, जो NHAI और सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) द्वारा संचालित हैं।
- राज्य राजमार्गों के टोल प्लाजा फिलहाल इसके दायरे से बाहर हैं। इन्हें तभी शामिल किया जाएगा जब वे केंद्रीय FASTag सिस्टम में जोड़े जाएंगे।
पास कैसे खरीदें?
- प्लेटफॉर्म: राजमार्ग यात्रा मोबाइल ऐप, NHAI/MoRTH वेबसाइट या अधिकृत FASTag जारीकर्ता पोर्टल।
- भुगतान विकल्प: UPI, डेबिट/क्रेडिट कार्ड और नेट बैंकिंग।
- ध्यान दें: FASTag वॉलेट बैलेंस का उपयोग इस पास को खरीदने के लिए नहीं किया जा सकेगा।
- एक्टिवेशन आमतौर पर 2 घंटे के भीतर पूरा हो जाएगा और वाहन मालिक को SMS द्वारा इसकी पुष्टि मिलेगी।
यात्रियों को कितना लाभ मिलेगा?
- एक निजी वाहन के लिए औसत टोल लगभग ₹50 होता है।
- बिना पास, साल में 200 बार यात्रा = लगभग ₹10,000 खर्च।
- एनुअल पास के साथ = केवल ₹3,000 खर्च।
👉 यानी, नियमित हाईवे यात्रियों को करीब ₹7,000 की सीधी बचत।
सरकार का मकसद क्या है?
सरकार का मानना है कि यह व्यवस्था न केवल यात्रियों को राहत देगी बल्कि डिजिटल पेमेंट और टोल प्रबंधन को भी और आसान बनाएगी।
इसके जरिए नकद लेन-देन कम होगा, टोल प्लाजा पर जाम घटेगा और यात्रियों को सुगम सफर का अनुभव मिलेगा।
